गरुडा एयरोस्पेस अपने IPO के लिए तैयार
सरकार द्वारा लोगों के लिए ऐसी कई योजनाएं चलाई जाती है जिससे उनकी आजीविका में बदलाव तो आता ही है उसके अलावा बड़े पैमाने पर भी उसका असर देखने को मिलता है जो देश को भी परिपक्व बनाता है l
ऐसे में देश के चेन्नई राज्य स्थित गरुड़ एयरोस्पेस कंपनी भी अपनी एक शानदार पहल के लिए आगे आई है l कंपनी कृषि ड्रोन के क्षेत्र मे अपनी प्रारम्भिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) पर तेजी से काम कर रही है।
कंपनी ने अपने एक विज्ञापन में कहा है कि इस कार्यक्रम में 15,000 किसान ड्रोन तैनात किए जाएंगे और इसके लिए कुल ₹1,261 करोड़ की राशि आवंटित की जा रही हैl इस कार्यक्रम से कृषि परिदृश्य में क्रांति आएगी और ग्रामीण समुदायों, जिसमें कि विशेषकर महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी l
दरअसल गरुडा एयरोस्पेस कंपनी ने य़ह अहम कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई ‘ नमों ड्रोन दीदी ‘ योजना से प्रभावित होकर शुरू करने का फैसला लिया है l इससे कृषि क्षेत्र के भीतर एक क्रांति आएगी और सामाजिक प्रभाव भी देखने को मिलेंगे l विज्ञापन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आने वाले लगभग दो वर्षों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए उद्यमियों को किसान ड्रोन से प्रशिक्षित करने और लैस करने के लिए प्रतिबद्धता की जाएगी l
कंपनी की योजना के अनुसार जनवरी में इस अभियान का प्री-आईपीओ राउंड और अगले साल जून या जुलाई में अपने शेयरों को सार्वजनिक बाजार में सूचीबद्ध करने की तैयारी की जा रही हैl
आपको बता दें कि गरुड़ एयरोस्पेस भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा समर्थित कंपनी है l कंपनी को अपने कार्यक्रम के लिए सब्सिडी के लिए महाराष्ट्र ,तमिलनाडु और केरल जैसे कई राज्यों से मंजूरी भी मिली हुई है।
सब्सिडी का दायरा 40-50% के बीच होगा जो कि कृषि में ड्रोन के उपयोग बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करेगा l ड्रोन का इस्तेमाल करने से किसानों को फसल के स्वास्थ्य की पहचान करने में , मिट्टी का सही ढंग से विश्लेषण करने मे, फसलों में बीमारी की निगरानी करने में और कीटनाशकों का छिड़काव करने में मदद मिलेगी l
इस पहल के जरिए महिलाओ की कृषि क्षेत्र मे हिस्सेदारी बढ़ेगी और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओ को अपनी आजीविका बेहतर करने के लिए शानदार मौका मिलेगा l इस योजना का उद्देश्य ये भी है कि यूरिया, डीएपी और पेस्टीसाइड को जब खेतों में छिड़का जाता है तो शरीर पर भी इसका प्रभाव पड़ता हैl और तो और कहीं ज्यादा तो कहीं कम छिड़काव होने से असंतुलन भी रहता हैl लेकिन जब ड्रोन का इस्तेमाल होगा तो शरीर पर दुष्प्रभाव भी कम होगा और उर्वरक की खपत भी कम हो सकेगी l जिससे अर्थिक संकट से भी बचा जा सकेगा l
इस योजना के अनुसार महिलाओं को लगभग दिन की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगीl ड्रोन पायलट और सह-पायलट को हर महीने ड्रोन उड़ाने के लिए राशि भी दी जाएगीl इसके अलावा औरतों को ड्रोन खरीदने पर उसकी कीमत का 80 प्रतिशत या अधिक से अधिक 8 लाख रुपये भी दिए जाएंगे जो देश मे बेहतर स्थिति लाएगा l
वहीं गरुड़ एयरोस्पेस कंपनी के संस्थापक और सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश ने कहा कि, “हम अपने परिचालन का विस्तार करने, अपने अनुसंधान और विकास प्रयासों को तेज करने और कृषि समुदाय की बेहतर सेवा करने के लिए अपनी आईपीओ योजनाओं में तेजी ला रहे हैं।”