भारत के संविधान लिखने वाले “डॉ भीमराव आंबेडकर” की मृत्यु आज के ही दिन यानी 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। इसलिए 6 दिसंबर को इनकी पुण्यतिथि के रूप में जाना जाता है। डॉ भीमराव आंबेडकर जो की राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे. उन्होंने अपने दलित जाति के लिए काफी काम किया था। वे समाज से भेदभाव को खत्म करना चाहते थे. उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन के लिए लोगों को प्रेरित किया और समाज में अछूतों को लेकर हो रहे भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया।. उन्होंने हमेशा श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकार के बारे में बात की और उनका पक्ष लिया।
डॉ भीमराव आंबेडकर की कुछ प्रमुख जीवनी:
डॉ भीमराव आंबेडकर पूरा नाम ‘ भीमराव रामजी अम्बेडकर‘था। जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। जिनका परिवार महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था। जो एक दलित परिवार से आते थे। इन्होंने अपनी शिक्षा में बहुत ही समस्या का सम्मान किया था। यह उदाहरण दिया किया। कि,शिक्षा किसी भेद भाव के लिए नहीं बल्कि सबको पाने का हक है। जो कि, आंबेडकर का परिवार ब्रिटिश भारतीय सेना में कार्यरत था। जबकि इनका पालन पोषण इनकी मौसी के द्वारा किया गया था। जब भीमराव आंबेडकर 15 वर्ष आयु में थे, तो उनकी नौ साल की लड़की रमाबाई से उनकी शादी कराई गई थी. तब वे पांचवी अंग्रेजी कक्षा में पढ़ रहे थे. और इन्होंने अपनी शिक्षा न्यायविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता के दाम पर 26 नवंबर, 1949 को संविधान का मौसान तैयार किया। भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जब प्रधानमंत्री बने तो भीमराव को अपने मंत्रिमंडल में कानून मंत्री के रूप मे शामिल कर लिया। और अंत में इन्होंने 14 अक्टूबर, 1956 को इन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया।