World Aids Day – विश्व एड्स जागरूकता दिवस
आगामी 1 दि सबं र को परूा वि श्व एड्स दि वस मनानेवाला है। एड्स कोई आम बीमारी नहीं हैबल्कि बेहद ही
घातक और जानलेवा हैजि सका इलाज अभी तक वज्ञैनि क ढूढनेकी कोशि श कर रहेहैं। एड्स दि वस मनानेका
कमोवेश जो उद्देश्य हैवो हैएचआईवी और एड्स के खि लाफ जागरूकता बढ़ाना है। ये दि न हम उन लोगों को
समर्पि तर्पि करतेहैंजो इस रोग सेजझू रहेहैंऔर उन्हेंसही जानकारी देतेहैंऔर उन्हेंयेयकीन दि लातेहैंकि एड्स
के वि रुद्ध इस यद्ध मेंवो अकेलेनहीं हैं।
पहली बार वि श्व एड्स दि वस का आयोजन 1 दि सम्बर, 1988 को हुआ था और तब सेयेहर साल इस दि न मनाया
जा रहा है। पहला एड्स का रोगी 1981 मेंपहली बार अमेरि का से रि पोर्ट कि या गया था, जि न्हेंतब एड्स के रूप में
पहचाना नहींगया था। हार्वर्डर्व र्डमेडि कल स्कूल के डॉ. ब्रसु रेनेऔर डॉ. माइकल गोतलि ब नेइस मामलेका अध्ययन
कि या था। यह एक नए और अजीब रोग के पहलेमामलेके रूप मेंपहचाना गया जि समेंइम्यनू सि स्टम कमजोर
हो जाता हैऔर व्यक्ति सामान्य सक्रं मणों सेभी खदु को बचा नही पाता है।
एक रि पोर्ट के अनसुर एड्स परूेवि श्व में अभी तक 2.5 करोड़ लोगो की जान लेचकु है।
एड्स असल मेंएक वि षाणुजनि क रोग हैजो की एच आइ वी वायरस सेहोता है। एचआईवी का सक्रं मण आमतौर
सेसबं धिं धित शरीर के शरीरि क तरीकों सेहो सकता है, जसै कि शक्रुण,योनि रस, मल रस, और माँके दधू से।
इसका सबसेसामान्य प्रसार माध्यम असरुक्षि त सेक्सअु ल सबं धं , सईु या सि रि जं को साझा करना और गर्भा वस्था
के दौरान या स्तनपान के दौरान सक्रं मण सबं धिं धित मांसेबच्चेको सक्रं मि त करना है। लेकि न एड्स कोई छुआछूत
सेनही होता तो आपके आस पास एड्स के रोगि यों सेमानवीय व्यवहार करना चाहि ए