राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से गुजरत में खुलेगे नए स्वास्थ संसथान
भारत में लगातार स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई थी। आयुष मंत्रालय के तहत ही राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरुआत हुई है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन
आपको बता दे की, आयुष का मतलब आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली है। यह योजना सितंबर 2014 में शुरू की गई थी, जिसके तहत ऐसे राज्यों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, जहां पर अभी तक सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य शिक्षण संस्थानों की उपलब्धता नहीं हो पाई है, साथ ही स्वस्थ शिक्षा में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होमीओपैथी जेसी शिक्षा प्रदान करने में पीछे रह गये है। इसी को देखते हुए गुजरात में भी राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत कई कॉलेज और नए नए संस्थानों की स्थापना की जाना है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन का मुख्य उद्देश्य गुजरात में स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ाना और आयुष कॉलेज के माध्यम से युवाओं को उचित शिक्षा दीया जाना है। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार का एक सरकारी अंग है। जिसके माध्यम से उपयुक्त शिक्षा और अनुसन्धान को बढ़ावा दिया जाता है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना कब हुई थी?
राष्ट्रीय आयुर्वेद, योगा और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी (आयुष) मिशन को भारत सरकार द्वारा सितम्बर 2014 में शुरुर किया गया है। यह प्रभावी आयुष सेवाएँ एवं चिकित्सालयों और औषधालयों के उन्नयन को ध्यान में रखते हुए कार्य करता है। इस योजना से आयुष प्रणालियों को मजबूत करना और एक बार फिर से पुनर्जीवित करना, ताकि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में देश में प्रमुख चिकित्सा प्रणाली को मुख्य धारा में लेकर आना है।