Barabar Caves India 3 Amazing Facts बारबर गुफा के 3 आश्चर्यजनक तथ्य
भारत में गुफाओं का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज भारत में आपको कहीं प्राचीन और पुरानी गुफाएं देखने को मिलती है जो की, कई अद्भुत रहस्य से भरी हुई है। आज हम आपको एक ऐसी ही गुफा के बारे में बताते हैं, जिसका नाम बारबर गुफाBarabar caves है।
बारबर गुफाओं का इतिहास
बारबर गुफाओं Barabar caves India को आज कई नाम से जाना जाता है, जिनमें लोमस ऋषि, सुदामा और विश्वकर्मा के नाम से भी इन्हें पहचान मिली हुई है। आपको बता दे कि, यह बिहार में स्थित बोधगया से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो की 4 गुफाओं का एक समूह है। इन गुफाओं को बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर बनाया गया है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि, यह गुफाएं ठोस ग्रेनाइट द्वारा सम्राट अशोक ने अपने ऋषियों के ठहरने के लिए बनाई थी।
इन्हें पुरानी चट्टानों से काटकर बनाया गया
विशेषज्ञ के अनुसार बारबर गुफाओं को भारत की सबसे पुरानी चट्टानों में से काटकर बनाया गया है और यह मौर्य काल की बनाई हुई है, जिसमें अशोक युग के शिलालेख है। इनके अंदर रिसर्च करने पर पाया गया है कि, यहां पर कहीं हिंदू और जैन मूर्तियां को भी देखा जा सकता है, जो की 273 ईसा पूर्व और 232 इस पर्व के बीच विशाल पत्थरों से बनाई गई थी। इनका उपयोग आजीवक संप्रदाय के भिक्षुओं ने इसमे रहने के लिए किया था।
बारबर गुफाओं की विशेषता
आज बारबर गुफाओं (Barabar caves India) मानव निर्मित बड़ी गुफाआओ में से एक जो, बराबर पहाड़ियों के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं। इन गुफाओं की एक अन्य दिलचप विशेषता यह है, की इनकी दीवारें चिकनी और पॉलिश की हुई हैं। शायद इसलिए यह गुफ़ा आज भी अपनी वही पुरानी चमक को बरक़रार रखे हुए है।