Nirbhaya Fund उत्तराखंड सरकार
दिल्ली में हुए निर्भया हत्याकांड के बाद से सरकार द्वारा Nirbhaya Fund घोषित किया गया है जो की, महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिया गया है। वर्ष 2012 की सामूहिक बलात्कार घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई थी, जिसका मकसद राज्यों को महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना है, तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है।
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सरकार द्वारा निर्भय फंड Nirbhaya Fund बनने से लेकर अब तक कोष के तहत आवंटन 6000 करोड रुपए से ज्यादा का हो चुका है, जिसमें से 4200 करोड रुपए का ही अब तक इस्तेमाल हो पाया है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार भी लगातार कार्य करते हुए नजर आ रही है।
निर्भय फंड का उपयोग
निर्भय फंड (Nirbhaya Fund) की स्थापना बलात्कार पीड़ितों की मदद करने के लिए तथा उनके पुनर्वास की स्थापना के उद्देश्य से की गई है, ताकि यह पैसा पीड़ित महिला के ऊपर और उसकी सुरक्षा के लिए खर्च किया जा सके। शुरुआत में इसके तहत 1000 करोड रुपए की राशि आवंटित की थी जिसे धीरे-धीरे बढ़ा कर 6000 करोड कर दिया है। इस फण्ड का उपयोग पीड़ितों की सहायता के अतिरिक्त महिलाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त करने के लिये भी सरकार द्वार किया जाता है।
सरकार कर रही लगातार कार्य
उत्तराखंड सरकार इसको लेकर लगातार कार्य करते हुए देखी जा सकती है। वहीं केंद्रीय महिलाओं में बाल विकास मंत्रालय की ओर से निर्भय फंड से उत्तराखंड के 10 पर्वती जिलों में महिलाओं और पढ़ाई कर रही बालिकाओं को सुरक्षित एवं संरक्षण वातावरण देने के उद्देश्य से हॉस्टलों का निर्माण भी किया गया है।
उत्तराखंड राज्य के पांच जिलों नैनीताल, हरिद्वार, बागेश्वर, अल्मोड़ा, व ऊधमिसंहनगर में निर्भया फंड से 2522 महिलाओं व बालिकाओं को आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है, ताकि वह अपनी सुरक्षा का ध्यान स्वयं भी रख सके।