राष्ट्रीय गोकुल मिशन Rashtriya Gokul Mission के तहत हो रहा देश में स्वदेशी गोवंश का संरक्षण
हमारे देश में लगातार स्वदेशी गोवंश की नस्ल में कमी होते जा रही है, इसी को देखते हुए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) की शुरुआत की गई है। इस मिशन का उद्देश्य स्वदेशी गोवंश को बचाना और ज्यादा से ज्यादा उनकी उनकी प्रजनन क्षमता पर ध्यान देना और उनकी वृधि करना है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission)
इसके साथ ही गोवंश का उचित संरक्षण तथा दुग्ध उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य माना गया है। Rashtriya Gokul Mission के साथ दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि करना है, ताकि आने वाले समय में किसी तरह से दूध की कमी ना आए। इस योजना के माध्यम से कई सारी गाय की नस्लों पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें, साहीवाल गाय, थारपारकर, लाल सिंधी, गिर गाय आदि जैसी उच्च कोटि की नस्लों की गायों पर विकास किया जाएगा।
चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की स्थापना
इस मिशन के तहत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पशु केंद्र बनाए जाएंगे जिन्हें, गोकुल ग्राम कहा जाएगा। गोकुल ग्राम के माध्यम से ही लगभग 1000 से अधिक पशुओं को रखने की भी व्यवस्था की जाएगी। साथी ही पोषण और उनके खान-पान का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा। साथ प्रत्येक गोकुल ग्राम में एक चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की भी व्यवस्था की जाने वाली है। इस योजना के माध्यम से देश के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करवाना सरकार का एक मुख्य लक्ष्य रहा है।
2025 करोड रुपए का बजट
योजना में सरकार द्वारा काफी अच्छा बजट पेश किया गया है। शुरुआत में इस योजना के तहत 2025 करोड रुपए का आवंटन किया गया था वर्ष 2020 तक लगभग 1842 करोड रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। इस योजना के माध्यम से देश में पशुपालकों की आय में वृद्धि करना भी सरकार का एक मुख्य उद्देश्य है। योजना के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ वैज्ञानिक रूप से वृद्धि करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाती है।